loktantranews: पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले का अनुसरण करने वाले सुरेश रैना ने रविवार को कहा कि वह ऐसी किसी चीज के लिए रूकना नहीं चाहते थे जो उचित नहीं थी। इस 33 साल के खिलाड़ी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलविदा कहने के फैसले ने क्रिकेट जगत को आश्चर्यचकित कर दिया था। पिछले ढेड़ दशक में सीमित ओवरों के क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले रैना ने कहा कि क्रिकेट उनके रगों में दौड़ता है। उन्होंने एक बयान में कहा कि भारतीय टीम में जगह बनाने से पहले बहुत ही कम उम्र से, मैं एक छोटे से लड़के के रूप में अपने छोटे से शहर की गली और नुक्कड़ (गली और कोने) में क्रिकेट खेलता था।
उन्होंने कहा कि मुझे जो भी पता है वह क्रिकेट है, मैंने जो कुछ किया है वह क्रिकेट है और यह मेरी रगों में है। इस लेफ्ट हैंड बल्लेबाज ने कहा कि ऐसा एक भी दिन नहीं रहा जब मुझे भगवान का आशीर्वाद और लोगों का प्यार नहीं मिला। भारत के लिए 226 एकदिवसीय, 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय और 18 टेस्ट खेलने वाले रैना ने कहा कि उन्होंने कभी भी चोटों को अपने भाग्य को निर्धारित नहीं करने दिया।दुनिया के बेस्ट फील्डरों में से एक माने जाने वाले रैना ने कहा कि मैं उन सभी के आशीर्वाद का मान रखने की कोशिश कर रहा था। अपने देश तथा इस यात्रा का हिस्सा रहे सभी को उसके बदले खेल के जरिए वापस देने की कोशिश कर रहा था। रैना ने कहा कि मेरी कई बार सर्जरी हुई, झटके लगे और ऐसे क्षण आए जब मैंने इसके बारे में सोचा लेकिन इसके लिए मैं ऐसी किसी चीज के लिए रुकना नहीं चाहता था जो उचित नहीं थी।