loktantranews: दिल्ली से ट्रेन चलकर कानपुर 15 मिनट, मुगलसराय 10 मिनट, गोमो में बस स्टाफ चेंज करने के लिए पांच मिनट रूकती थी, फिर सीधे हावड़ा में रुकती थी राजधानी एक्सप्रेस। इस दौरान पूरे बिहार से गुजरने के दौरान कहीं भी इसका स्टापेज नहीं था। भारत में राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत 1969 में हुई। दिल्ली से हावड़ा ट्रेन चलने लगी। 17 डब्बे की ट्रेन, 17 घंटे की यात्रा. दिल्ली से ट्रेन चलकर कानपुर 15 मिनट रूकती थी, मुगलसराय दस मिनट, गोमो में बस स्टाफ चेंज करने के लिए पांच मिनट, फिर सीधे हावड़ा।यानी बिहार में कहीं स्टॉपेज नहीं। बिहारी भकुआ के देखते रह जाते थे, ट्रेन हवा की गति से आगे निकल जाती थी। राजधानी को देखने के लिए लोग रेलवे लाइन के आसपास खड़े हो जाते थे। बिहारियों को लगा कि ई कईसा ट्रेन है कि जाता तो हमरे तरफ से बाकि पूरा राज्य में कहीं रूकता नहीं, लोग नेता को खोजने लगे जो आवाज उठाये। इसके बाद अब विभिन्न रुटों पर कई राजधानी एक्सप्रेस शुरु हुई। इसके स्टापेज भी बढाये गए, आज भी इसमें सफर करना शान समझा जाता है।
