loktantranews: कोरोना के तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकी आशंका जता चुके हैं। इससे निपटने के लिए जिम्स ने तैयारी कर ली है। बच्चों के लिए 100 बेड का वार्ड तैयार कर लिया है। प्रमुख सचिव ने रविवार को इसका जायजा भी लिया।
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की आशंका को देखते प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने रविवार को कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश गुप्ता, सीएमएस डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव, डीन डॉक्टर रंभा पाठक, डॉक्टर शिखा सेठ, प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव आदि के साथ बैठक की और बच्चों के संक्रमित होने पर कैसे निपटा जाएगा, इसकी पूरी जानकारी ली। उन्होंने पीडियाट्रिक वार्ड के बाल गहन चिकित्सा वार्ड (पीआईसीयू) की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका है। इसे देखते हुए बेहतर तैयारी जरुरी हैं। इस दौरान संस्थान के निदेशक ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि वह पीआईसीयू का निरीक्षण के साथ पीडियाट्रिक स्किल विभाग में भी गए। यहां चल रहे ट्रेनिंग कार्यक्रम की सराहना की। इसके बाद नॉन कोविड मरीजों से भी बातचीत कर इलाज प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव जानने का प्रयास किया। संस्थान के निदेशक ने प्रमुख सचिव को बताया कि फिलहाल तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के लिए 100 बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है। प्रमुख सचिव ने कहा कि बीते दो सालों में संस्थान ने पूरे प्रदेश में अपना नाम कमाया है, यह डॉक्टरों की मेहनत से ही सफल हुआ है। संस्थान के डॉक्टरों के प्रयास से ही प्रदेश में सबसे कम कोविड मरीजों की मौत गौतमबुद्धनगर में हुई है। इसके बाद वह अकेडमिक भवन का भी निरीक्षण किया व विद्यार्थियों को दी गई साइकिल का फ्लैग ऑफ किया।