Loktantranews: जिले में कॉमर्शियल वाहनों के लिए तीन फिटनेस सेंटर खुलने की योजना अब भी अटकी हुई है। शासन स्तर से अब तक इसे हरी झंडी नहीं मिल पाई है। इसके खुलने से एक लाख से अधिक कॉमर्शियल वाहनों को राहत मिलेगी। अभी तक सभी कॉमर्शियल वाहनों के फिटनेस जांच एआरटीओ कार्यालय में आरआई करती है। सेंटर खुलने के बाद लोग उनमें अपने वाहनों को जांच करा सकेंगे। इसकी निगरानी परिवहन विभाग के आरआई द्वारा ही की जाएगी। जिले में 1.20 लाख वाहन हैं जो कि कॉमर्शियल हैं। हर दो वर्षों में इनका फिटनेस कराना अनिवार्य होता है। तीन या उससे अधिक वर्षों तक वाहन का फिटनेस नहीं कराने वाले करीब 12 हजार वाहनों का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्हें ब्लैक लिस्ट भी किया गया है। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है। विभाग की ओर से वाहन संचालकों को तीन बार चेतावनी भी जारी की गई थी। लेकिन इसके बाद भी लगातार मनमानी की जा रही थी। अहम है कि में जिले में संचालित 12 हजार ऐसे वाहन हैं जो कि बिना फिटनेस के ही खटारा हालत में संचालित हो रहे हैं। इनका तीन वर्षों से फिटनेस टेस्ट नहीं हुआ है। ऐसे में यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि वाहन पूरी तरह से चलने योग्य हैं। कार्रवाई करने के लिए विभाग ने सूची बनाकर शासन को भेजी थी। एआरटीओ सियाराम वर्मा का कहना है कि जिले के एक हजार ऑटो भी शामिल हैं जो चलने योग्य नहीं हैं। आटो संचालकों पर भी कार्रवाई की गई है। जाहिर है कि जिले में 20 हजार ऑटो संचालित होते हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऑटो एसोसिएशन को कई बार इनका फिटनेस टेस्ट कराने के लिए कहा गया है लेकिन चालक नहीं मान रहे हैं। वहीं, कुछ कैब भी इनमें शामिल हैं। इनपर भी विभाग ने कार्रवाई की है।