Loktantranews: सीएम योगी आदित्यनाथ लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश उद्यमी महा अधिवेशन में शिरकत करने पहुंचे। आगरा में पहली बार प्रदेशभर के 5 हजार से अधिक लघु उद्यमियों ने प्रतिभाग किया। लघु उद्यमियों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि लघु उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। लघु उद्योगों से ही रोजगार सृजन और परिवारों का आर्थिक स्वावलंबन संभव है। साथ ही उद्यमियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून से खिलवाड़ करने वालों को छोड़ा नही जाएगा, चाहे वो कोई भी हो। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लघु उद्योग भारती के उद्यमी महा अधिवेशन में प्रदेशभर से आए उद्यमियों का ब्रजभूमि में प्रदेश सरकार की ओर से हृदय से स्वागत किया। उन्होंने उद्यमियों से संवाद करते हुए कहा कि ये मेरे लिए अमूल्य क्षण है। आज लघु उद्यमियों के साथ तीन महीने में अंदर आज तीसरी बार लघु उद्यमियों से संवाद करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आपने 21 से 25 सितंबर के बीच में ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो को देखा होगा। इसमें लघु उद्योग भारती भी सरकार की सहयोगी थी। इसमें उत्तर प्रदेश के 2000 से अधिक एग्जीबिटर्स पूरे कार्यक्रम के भागीदार बने थे। वहीं विदेशों से भी 500 से अधिक बायर्स ने ट्रेड शो में शिरकत की थी। चार दिनों में 5 लाख से अधिक बायर आए थे, उन्होंने उत्तर प्रदेश की सामर्थ्य को देखा था।मुख्यमंत्री ने हाल ही में भदोही में आयोजित हुए इंटरनेशनल कारपेट एक्सपो का जिक्र करते हुए कहा कि पहले वहां के उद्यमियों को देखकर लगा कि कैसे उनकी उपेक्षा होती थी। भारत प्रतिवर्ष 17 हजार करोड़ का कारपेट एक्सपोर्ट करता है। जिसमें अकेले भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी से 10 हजार करोड़ रुपए का कारपेट का एक्सपोर्ट होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। कम खर्च में पर्यावरण के सभी मानकों को पूरा करते हुए कम स्थान में ज्यादा रोजगार का सृजन और ज्यादा परिवारों को आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर करना, यह सब लघु उद्योग के माध्यम से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि यूपी तो प्राचीन काल से ही लघु उद्योगों की आधारभूमि रही है। अलग- अलग प्रकार के उद्योग, अलग- अलग क्षेत्रों में रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे लघु उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए मोदी जी के प्रेरणा से हमारी सरकार ने 2018 में एक जिला, एक उत्पाद की योजना की शुरुआत की थी। ओडीओपी के माध्यम से परंपरागत उद्योगों को प्रोत्साहन देने, उन्हें टेक्नोलॉजी, डिजाइन, पैकेजिंग के प्रशिक्षण और उनको मार्केट उपलब्ध कराया जा सके, इसके लिए सरकार के स्तर से प्रयास प्रारंभ हुआ था। आज उसके परिणाम हम सबके सामने है। आज ओडीओपी योजना से उत्तर प्रदेश पिछले पांच वर्ष में अपने एक्सपोर्ट को 250 गुना बढ़ाने में सफल रहा है। उतर प्रदेश जैसे बीमारू राज्य को हमने इन उद्यमियों के परिश्रम से आर्थिक रूप से समृद्ध बनाया। 2020 में एमएसएमई पॉलिसी में एक हजार दिनों तक कोई एनओसी की जरूरत नही है, अब सारी सुविधाएं उद्यमियों को दी जा रही है। मिशन के अंतर्गत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आगरा, कानपुर, वाराणसी में फ्लेटेड फैक्ट्री का निर्माण हो रहा है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति नजीर बनी है। हम सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे, चाहे वो कोई भी हो। अगर किसी ने खिलवाड़ किया तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 2023 के चुनाव में पहली बार हुआ कि कानून व्यवस्था चुनावी मुद्दा बने और जनता प्रदेश सरकार के साथ खड़ी दिखे। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि अगर आप उद्योग लगाना चाहते हैं या लगाया है। किसी स्थानीय संस्थान से आपका टाई-अप हो जाए तो वहां के बच्चे आपको मैन पावर की आसानी से सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान जिन बच्चों को रखेंगे, जिस दौरान से काम करेंगे, अगर इनका रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो, आधा मानदेय सरकारी देगी। इससे फायदा होगा कि हमारे पास अनुभवी लोगों की टीम खड़ी होगी। अपने युवाओं को अधिक से अधिक प्रशिक्षित करते हैं तो इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। इस दौरान लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष मधुसूदन दादू ने कहा कि महाधिवेशन में सहभागिता करने वाले 1500 से अधिक लघु उद्यमी अपने-अपने क्षेत्र के विकास, समस्या और भविष्य पर चिंतन करेंगे। प्रदेश के औद्योगिक विकास को कैसे विस्तार किया जाए। इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से मार्गदर्शन लिया जाएगा। आयोजन में राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा और राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद भी आएंगे। साथ ही सरकार के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने बताया कि लघु उद्योग महाधिवेशन के पहले सत्र में प्रदेशभर से आए उद्यमियों ने अपने-अपने संभाग की जानकारी दी। साथ ही भविष्य की योजना और लक्ष्य तय किए। दूसरे सत्र में प्रदेश के प्रमुख अधिकारियों के साथ वार्ता की गई। जिसमें लघु उद्योगों की स्थापना या संचालन में आने वाली समस्याओं को रखा गया। वहीं तीसरे सत्र में उद्यमियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का सानिध्य एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। फतेहाबाद रोड स्थित केएनसीसी में आयोजित उद्यमी महा अधिवेशन में के 60 जिलों से 1500 से अधिक लघु उद्यमी सहभागिता की।